आज हम जानेंगे की भारत चीन संबंध कैसे है? भारत-चीन के बीच मे किन मुद्दो पर विवाद है और उन विवादो को सुलझाने के लिए क्या प्रयास किए गए है? तिब्बत मसला क्या है? 1962 मे जो भारत-चीन युद्ध हुआ था वह क्यो हुआ और उसके क्या परिणाम हुए?
भारत–चीन संबंध
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स्वतंत्रता के बाद से ही भारत ने चीन के साथ रिश्तो की शुरुआत दोस्ताना ढंग से की ।
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1949 मे चीनी क्रांति के बाद भारत चीन की कम्युनिस्ट सरकार को मान्यता देने वाले देशो मे से एक था ।
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नेहरू जी ने चीन से अच्छे संबंध बनाने की पहल की। लेकिन उस वक्त नेहरू जी के सहयोगियों और सरदार वल्लभ भाई पटेल को आशंका थी की चीन भारत पर आक्रमण कर सकता है लेकिन नेहरू जी का मानना था की इसकी संभावना बिलकुल भी नही है ।
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29 अप्रैल 1954 को भारत के प्रधानमंत्री नेहरू और चीन के प्रमुख चाऊ एन लाई ने शांतिपूर्ण सहअस्तित्ववाद के पाँच सिद्धांतो यानि पंचशील समझौते की घोषणा की । जिसके मुख्य बिन्दु निम्न है-
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एक दूसरे के विरुद्ध आक्रमण न करना।
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एक दूसरे के आंतरिक मामलो मे दखल न देना।
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एक दूसरे की क्षेत्रीय अखंडता का आदर करना।
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समानता और परस्पर मित्रता की भावना का होना।
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शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का होना।
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1950 के दशक मे भारत चीन संबंधो मे खटास की शुरुआत हुई ।
1. तिब्बत मसला
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चीन ने 1950 मे तिब्बत पर कब्जा कर लिया ।
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परंतु भारत ने इसका खुला विरोध नही किया।
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लेकिन जब चीन ने तिब्बत की संस्कृति को नष्ट करने का प्रयास किया जिसके कारण तिब्बत के धार्मिक नेता दलाई लामा ने भारत से शरण मांगी और 1959 मे भारत ने उन्हे शरण दे दी ।
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तब चीन ने आरोप लगाया की भारत उसके अंदरूनी मामलो मे दखल दे रहा है ।
2. सीमा विवाद
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चीन जम्मू-कश्मीर के लद्दाख वाले हिस्से के अक्साई-चीन और अरुणाचल प्रदेश के अधिकतर हिस्सो पर अपना अधिकार जताता है।
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भारत का पक्ष है कि सीमा विवाद अंग्रेजी शासन के वक्त ही सुलझाया जा चुका है।
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लेकिन चीन का कहना है कि अंग्रेजी शासन के वक्त का फैसला नही माना जा सकता ।
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अरुणाचल प्रदेश को उस वक्त नेफ़ा या उत्तरी-पूर्वी सीमांत कहा जाता था ।
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1957-59 के बीच चीन ने अक्साई-चीन इलाके पर कब्जा कर लिया और इलाके मे रणनीतिक बढ़त हासिल करने के लिए एक सड़क बनाई ।
3. 1962 का भारत-चीन युद्ध –
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1962 मे चीन ने दोनों विवादित क्षेत्रों पर हमला कर दिया।
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भारतीय सेना ने इसका कडा विरोध किया लेकिन वो चीनी बढ़त को रोकने मे नाकामयाब रहे ।
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आखिरकार चीन ने ही एकतरफा युद्ध विराम घोषित किया ।
1962 के भारत-चीन युद्ध के परिणाम –
A. भारत की छवि देश विदेश मे खराब हुई ।
B. भारत को अमेरिका-ब्रिटेन से मद्दद मांगनी पड़ी। सोवियत संघ इस संकट मे तटस्थ रहा ।
C. कुछ मुख्य कमांडरों ने इस्तीफा दे दिया या अवकाश ग्रहण कार लिया । तत्कालीन रक्षामंत्री वी. के. कृष्णमेनन को मंत्रिमंडल छोड़ना पड़ा ।
D. नेहरू की नीति की आलोचना हुई और पहली बार उनकी सरकार के खिलाफ अविश्वास पत्र लाया गया ।
E. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) 1964 मे टूट गयी । इस पार्टी मे जो खेमा चीन का पक्षधर था उसने मार्क्सवादी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) बनाई।
F. नागालैंड को प्रांत का दर्जा दिया गया। केंद्रशासित प्रदेशों मणिपुर और त्रिपुरा को विधानसभा के निर्वाचन का अधिकार दिया गया ।
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1962 के बाद 1976 मे दोनों देशो के बीच पूर्ण राजनयिक संबंध बहाल हो सके ।
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1979 मे श्री अटल बिहारी वाजपेयी (उस वक्त के विदेश मंत्री) तथा बाद मे राजीव गांधी जी बतौर प्रधानमंत्री चीन के दौरे पर गए ।