आज हम जानेंगे की शीतयुद्ध क्या है? इसकी शुरुआत कब और क्यो हुई? इसका अंत कब हुआ? शीतयुद्ध के दायरे?
शीतयुद्ध क्या है?
-
अर्थ – यह एक ऐसी स्थिति है जिसमे युद्ध का माहौल बना रहता है परन्तु वास्तव में कोई युद्ध नहीं होता है ।
-
यह युद्ध द्वितीय विश्व युद्ध (1939-1945) के बाद शुरू हुआ था ।
-
पहला विश्व युद्ध – 1914-1918
-
शीत युद्ध का अंत -सोवियत संघ के विघटन के बाद हुआ|
-
द्वितीय विश्व युद्ध मित्र राष्ट्रो (अमेरिका, सोवियत संघ , ब्रिटेन , फ्रांस) और धुरी राष्ट्रों( जर्मनी, जापान , इटली) के बीच हुआ था । इस युद्ध का विस्तार दक्षिण – पूर्व एशिया , चीन , बर्मा ( अब म्यांमार ) तथा भारत के पूर्वोत्तर हिस्सों तक था ।
द्वितीय विश्व युद्ध/शीतयुद्ध का अंत कैसे हुआ ?
-
जब 1945 में अमेरिका ने जापान के दो शहर हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम ( जिनके गुप्त नाम लिटिल बॉय और फेटमेंन थे ) गिराए और जापान हार गया तब यह युद्ध समाप्त हुआ ।
इस घटना के आलोचकों का तर्क
-
जब जापान आत्मसमर्पण करने वाला था तो अमेरिका का बम गिराना जरुरी नहीं था ।
घटना के समर्थको का तर्क
-
युद्ध को समाप्त करने के लिए और जनहानि को रोकने के लिए ये जरुरी था ।
अपरोध (रोक और संतुलन )
परमाणु युद्ध कि स्थिति में अगर एक पक्ष अपने शत्रु पर आक्रमण करके उसके परमाणु हथियारों को नाकाम करने कि कोशिश करता है तब भी दूसरे के पास उसे बर्बाद करने योग्य हथियार बच जाएंगे इसे ही अपरोध (रोक और संतुलन) का तर्क कहा गया ।
द्वि धुर्वीयता क्या है ?
-
इसका अर्थ है विश्व का दो गुटों में बटना जैसा कि शीतयुद्ध के दौरान हुआ था जब विश्व अमेरिका और सोवियत संघ के गुटों में बट गया था ।
-
इसके बाद दो महाशक्तियों का उदय हुआ अमेरिका (USA- UNITED STATES OF AMERICA ) और सोवियत संघ (USSR – UNION OF SOVIET SOCIALIST REPUBLIC)
शीतयुद्ध के कारण या द्विध्रुवीता के कारण ?
1. दोनों महाशक्तियां अपने प्रभाव का दायरा बढ़ाना चाहते थे ।
2.दोनों में महाशक्ति बनने की होड़ ।
3.दोनों में वैचारिक मतभेद के कारण ।
4. कटुता के कारण दोनों का दष्टिकोण एक दूसरे के प्रति शंकालु हो गया
द्विध्रुवीता की शुरुआत
-
अपने प्रभाव का दायरा बढ़ने के लिए दोनों देशो ने अन्य देशो के साथ संधिया की
पश्चिमी गुट ( नाटो )- उत्तर अटलांटिक संधि संघटन
-
स्थापना -1949
-
शामिल देश -12
-
नेतृत्व – अमेरिका
-
विचारधारा– पूंजीवाद (सरकार का हस्तक्षेप कम होता है)
-
मुख्य बात – नाटो में शामिल किसी भी देश पर हमले को संघटन में शामिल सभी देशो पर हमला माना जाएगा
-
सदस्य देश – फ्रांस , स्पेन , इटली आदि।
-
SEATO – दक्षिण – पूर्व एशियाई राष्ट्रों का संघटन (1954)
-
CENTO – केंद्रीय संधि संघटन (1955)
सोवियत संघ पूर्वी गुट – वारसा पैक्ट
-
स्थापना – 1955
-
नेतृत्व – सोवियत संघ
-
विचारधारा – समाजवाद (सरकार का हस्तक्षेप ज्यादा होता है)
-
मुख्य कार्य – नाटो में शामिल देशो का मुकाबला करना
-
शामिल देश – पोलैंड , हंगरी , रोमानिया आदि ।
-
SEATO , CENTO के जवाब में USSR ने उत्तरी वियतनाम , उत्तरी कोरिया और इराक के साथ अपने सम्बन्ध मजबूत किये ।
महाशक्तियों को छोटे देशो से लाभ
1.उनके प्राकृतिक संसाधन प्राप्त करना।
2.सैन्य ठिकाने स्थापित करना।
3.आर्थिक सहायता के लिए।
4.अपने हथियारों और सेना के संचालन के लिए उनके भू – क्षेत्र का इस्तेमाल।
छोटे देशो को महाशक्तियों से लाभ
1.सुरक्षा का वायदा मिला ।
2.हथियारों की सहायता ।
3.आर्थिक मदद ।
4.सैन्य सहायता ।
शीतयुद्ध के दायरे ?
-
अर्थ – ऐसी स्थिति जहां विरोधी खेमो के बीच संकट के अवसर आये, युद्ध हुए या युद्ध की सम्भावना बनी , लेकिन बाते एक हद से ज्यादा नहीं बढ़ी ।
-
उदाहरण- कोरियाई संकट (1950-53), बर्लिन (1958-1962), कांगो (1960 के दशक की शुरुआत)
-
क्यूबा का मिसाइल संकट (1962) इसे शीतयुद्ध का चरम बिंदु भी कहा जाता है IMP. – 1787 में अमेरिका में स्वतंत्र की लड़ाई हुई थी।
1. क्यूबा ( उस वक्त के राष्ट्रपति – फिदेल कास्त्रो ) अमेरिका के तट से लगा हुआ एक द्वीपीय देश है जो सोवियत संघ से जुड़ा हुआ है ।
2. सोवियत संघ के नेता निकिता खुश्चेव ने 1962 में वहाँ परमाणु मिसाइले तैनात कर दी जिससे अमेरिका खतरे की सीमा में आ गया ।
3. अमेरिकी राष्ट्रपति कैनेडी युद्ध के पक्ष में नहीं थे पर अपने देश की सुरक्षा के लिए चाहते थे कि खुश्चेव क्यूबा से मिसाइले हटा ले ।
4.जब सोवियत संघ ने मिसाइलों से लैस होकर क्यूबा की तरफ प्रस्थान किया तो अमेरिका ने जंगी बेड़ो को आगे करके उन्हें रोकने का आदेश दिया तो उस वक्त ऐसा लगा की युद्ध होकर रहेगा।
5.इसी को क्यूबा मिसाइल संकट के नाम से जाना जाता है।
-
शीतयुध्द को टालने के लिए गुटनिरपेक्ष देशो की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण थी जैसे नेहरू ने उत्तरी और दक्षिणी कोरिया के बीच मध्यस्था की ।
-
कांगो संकट में UNO( संयुक्त राष्ट्र संघ ) के महासचिव ने मध्यस्था की ।