आज हम जानेंगे की गुट निरपेक्ष-आंदोलन क्या है? गुट निरपेक्ष आंदोलन के कारण ? गुट निरपेक्ष आंदोलन के उद्देश्य ? गुटनिरपेक्ष आंदोलन ने किस प्रकार दो-ध्रुवीयता को चुनौती दी ? गुटनिरपेक्ष आंदोलन के संस्थापक देश और नेता कौन कौन से है ? पृथकतावाद, तटस्थता और गुटनिरपेक्षता मे क्या नतर है ?14वां गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन कब हुआ था? 18वां गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन कब हुआ था? गुट निरपेक्ष प्रथम शिखर सम्मेलन? गुट निरपेक्ष आंदोलन की भारत मे भूमिका?
गुट निरपेक्ष आंदोलन (NON – ALIGNED MOVEMENT)
यह महाशक्तियों के गुटों में शामिल न होने का आंदोलन है । गुट निरपेक्ष आंदोलन या महाशक्तियों से अलग रहने की नीति का मतलब यह नहीं है कि इस आंदोलन से जुड़े देश अपने को अन्तर्राष्ट्रीय मामलो से अलग रखे ।
गुट निरपेक्ष आंदोलन का कारण ?
1.स्वतंत्र हुए देशो में जुड़ाव स्थापित करना ताकि वे अपनी समस्याओ को मिलकर सुलझा सके ।
2.स्वतंत्र विदेश नीति अपनाने के लिए ।
3.ये देश किसी महाशक्ति के पीछे पिछलग्गू नहीं बनना चाहते थे ।
4.आपस में संगठित होकर एक सशक्त ताकत बनने के लिए ।
5.अन्तर्राष्ट्रीय व्यवस्था को लोकतान्त्रिक बनाने के लिए ।
6.अपने देश के विकास के लिए ।
गुट निरपेक्ष आंदोलन के उद्देश्य
1.किसी देश की सम्प्रभुता को बनाये रखना ।
2.संयुक्त राष्ट्र संघ को सहयोग देने के लिए ताकि संवर्धन, निशस्त्रीकरण और शांति स्थापना कार्यो में योगदान हो सके ।
3.विश्व शांति को बनाये रखने के लिए। उपनिवेशवाद – नस्लवाद के विरोध के लिए ।
4.अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धो में तनाव को कम करने के लिए ।
दो धुर्वीयता को चुनौती – गुट निरपेक्ष आंदोलन
1. गुट निरपेक्ष आंदोलन का पहला सम्मेलन सन- 1961 स्थान – बेलग्रेड ( युगोस्लाविया की राजधानी)
2.शामिल देश – 25 सदस्य देश
3.संस्थापक देश और नेता
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पं जवाहर लाल नेहरू ( भारत )
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अब्दुल नासिर (मिस्र)
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सुकर्णो ( इंडोनेशिया ),
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जोसेफ ब्रॉज टीटो ( युगोस्लाविया )
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वामे एनक्रूमा( घाना )
4.यह सम्मेलन तीन बातो का परिणति था –
A.इसके पाँचो देशो के बीच सहयोग ,
B.शीतयुद्ध के दायरे,
C.बहुत से नव स्वतंत्र अफ़्रीकी देशो के उदय के कारण 1960 तक संयुक्त राष्ट्र संघ में 16 नए देश शामिल हुए ।
5. गुट निरपेक्ष आंदोलन की नीव 1955 में एफ्रो एशियाई सम्मेलन ( बांडुंग सम्मेलन) में रखी गयी ।
6.गुट निरपेक्ष आंदोलन – 14 वा सम्मेलन
1.हवाना ( क्यूबा )
2..सन – 2006
3.शामिल देश – 116 सदस्य देश और 15 पर्यवेक्षक देश ।
7. गुट निरपेक्ष आंदोलन का 18 वा सम्मेलन
A. अज़रबैजान के बाकू मे गुट निरपेक्ष आंदोलन का 18वां सम्मेलन हुआ था ।
B. 25 और 26 अक्टूबर 2019 को यह सम्मेलन हुआ था ।
पृथकतावाद, तटस्थता और गुट निरपेक्षता ?(Isolationism, Neutrality and Non-Alignment)
1.पृथकतावाद – इसका अर्थ है खुद को अन्तर्राष्ट्रीय मामलो से काटकर रखना । लेकिन गुटनिरपेक्ष देशो ने ये नीति नहीं अपनाई । उदाहरण – भारत तथा अन्य गुटनिरपेक्ष देशो ने प्रतिद्वंद्वी गुटों के बीच मध्यस्ता की भूमिका निभाई ।
2.तटस्थता- इसका अर्थ मुख्य रूप से युद्ध में शामिल न होने की नीति से है । इन देशो के लिए ये जरूरी नहीं है की ये युद्ध को खत्म करने में मदद करे।। इसके विपरीत गुटनिरपेक्ष देशो ने युद्ध को टालने का और रोकने का प्रयास किया है ।
नव अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था (NIEO)
1.गुट निरपेक्ष देशो में ‘ अल्पविकसित देशो ‘ के होने के कारण नव अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था (N.I.E.O.) का जन्म हुआ
2.1972 में UNO के व्यापार और विकास सम्मेलन (UNCTAD – यूनाइटेड नेशंस कांफ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट) में इन अल्पविकसित देशो के विकास के लिए नयी व्यापार नीति का प्रस्ताव प्रस्तुत किय गया ताकि विकसित देश इन देशो का शोषण न कर सके ।
3.टुवर्ड्स अ न्यू ट्रेड पॉलिसी फॉर डेवलपमेंट के नाम से एक रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी ।
4.रिपोर्ट में उपलब्ध सुधार-
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वैश्विक व्यापर प्रणाली में सुधार किया जाए ।
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अल्पविकसित देशो की अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक संस्थानों में भूमिका में वृद्धि होगी ।
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अपने प्राकृतिक संसाधनों पर पूर्ण नियंत्रण होगा ।
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ये देश अपना सामान विकसित देशो में बेच सकेंगे ।
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ये देश विकसित देशो से काम लागत पर प्रौद्योगिकी मंगा सकेंगे
गुट निरपेक्ष आंदोलन में भारत की भूमिका
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भारत ने गुट निरपेक्ष आंदोलन के नेता के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई