आज हम जानेंगे की कांग्रेस प्रणाली क्या है? कांग्रेस क्या है? प्रथम तीन आम चुनावो मे कांग्रेस का प्रभुत्व किस प्रकार था? प्रथम तीन आम चुनावो मे कांग्रेस के प्रभुत्व के कारण क्या थे?
कांग्रेस प्रणाली
भारतीय राजनीति के चुनावी प्रतिस्पर्धा के पहले दशक में कांग्रेस ने ही शासक और विपक्ष दल दोनों की भूमिका निभाई इसी कारण भारतीय राजनीति के इस कालखंड को कांग्रेस प्रणाली कहा जाता है ।
कांग्रेस क्या है?
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यह भारत की एक राष्ट्रीय पार्टी है।
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इस पार्टी का जन्म 1885 में हुआ था।
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पहले तीन लोक सभा की अवधि (1952-67) में केंद्र और अधिकांश राज्यों में कांग्रेस ने ही शासन किया था।
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स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू भी इसी पार्टी के थे ।
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यह उस वक्त की सबसे सुप्रसिद्ध और लोकप्रिय पार्टी थी।
कांग्रेस का प्रथम तीन आम चुनावो मे प्रभुत्व
कांग्रेस के प्रभुत्व की प्रकृति
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भारत और बाकी देशो में एक पार्टी के प्रभुत्व के बीच बहुत अंतर है ।
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भारत में एक पार्टी प्रभुत्व लोकतांत्रिक स्थिति में कायम हुआ बल्कि बाकी देशो में ऐसा नहीं था ।
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जैसे चीन, क्यूबा और सीरिया के संविधान में सिर्फ एक ही पार्टी के शासन की अनुमति दी गयी है ।
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कुछ देशो जैसे म्यांमार, बेलारूस और इरीट्रिया में एक पार्टी का प्रभुत्व क़ानूनी और सैन्य कारणों के कारण कायम हुआ ।
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मैक्सिको मे भी इन्स्टीट्यूशनल रिवोल्यूशनरी पार्टी (PRI) जो की 1929 मे बनी थी इनसे वहाँ लगभग 60 सालो तक शासन किया । इस पार्टी के शासन को वहाँ “परिपूर्ण तानाशाही” कहा जाता है ।
कांग्रेस के प्रथम तीन आम चुनावो में प्रभुत्व के कारण
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यह पहले से ही एक सुसंगठित पार्टी थी ।
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इस पार्टी ने स्वाधीनता-संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी ।
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इसको अव्वल और इकलौता होने है फायदा मिला ।
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वो नेता जो आजादी के आंदोलन में अग्रणी थे वहीं अब कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में चुनाव चुनाव लड़ रहे थे ।
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इस पार्टी के संगठन का नेटवर्क स्थानीय स्तर तक पहुंच चुका था ।
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इस पार्टी की सबको समेटकर मेलजोल के साथ चलने की प्रकृति थी ।
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इसमें सभी विचारधारा के लोग शामिल थे इसलिए इसे एक विचारधारात्मक गठबंधन भी कहते थे।
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