आज हम भारत की परमाणु नीति के बारे मे जानेंगे? भारत का परमाणु कार्यक्रम क्या है? भारत ने कब अपना पहला और दूसरा परमाणु परीक्षण किया?
भारत का परमाणु कार्यक्रम
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जवाहर लाल नेहरू जी हमेशा से ही तेज गति से आधुनिक निर्माण करना चाहते थे इसीलिए उन्होने विज्ञान और प्रोद्योगिकी मे हमेशा से ही विश्वास प्रकट किया । उनकी इस नीति का एक घटक परमाणु कार्यक्रम भी था ।
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भारत मे परमाणु कार्यक्रम की शुरुआत 1940 के दशक के अंतिम सालो मे होमी जहाँगीर भाभा के निर्देशन मे हो चुकी थी ।
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भारत ने मई 1974 मे राजस्थान के पोखरण मे अपना पहला परमाणु परीक्षण किया और मई 1998 मे अपना दूसरा परमाणु परीक्षण कर खुद को एक परमाणु सम्पन्न देश घोषित कर दिया ।
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भारत ने उस वक्त अपना परमाणु परीक्षण किया था जब 1973 के अरब-इजरायल युद्ध के बाद पूरे विश्व मे तेल के लिए हाहाकार मचा हुआ था और भारत भी इस वजह से आर्थिक समस्याओं से घिर गया था ।
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भारत ने 1968 की परमाणु अप्रसार संधि (NPT) और 1995 की व्यापक परीक्षण निषेध संधि (CTBT) पर हस्ताक्षर नही किए क्योकि भारत इन्हे भेदभाव पूर्ण मानता है ।
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भारत के परमाणु परीक्षण के बाद ही 1998 मे पाकिस्तान ने भी अपना परमाणु परीक्षण किया था ।
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चीन ने 1964 के अक्टूबर मे परमाणु परीक्षण किया था ।
भारत की परमाणु नीति
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भारत शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए अणु सम्पन्न देश बनना चाहता है ।
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भारत की परमाणु नीति के अनुसार वह अपने परमाणु हथियारों का इस्तेमाल पहले नही करेगा ।
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लेकिन समकालीन क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों के मद्देनजर, वर्तमान सरकार ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह स्पष्ट कर दिया है कि बिना पहले उपयोग की नीति (No First Use) की समीक्षा की जा सकती है और उसमे भारत की क्षेत्रीय और राष्ट्रीय सुरक्षा के अनुरूप परिवर्तन भी किया जा सकता है ।
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भारत परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (Nuclear Supplier Group-NSG) मे अपनी सदस्यता के लिए भी प्रतिबद्ध है ।
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भारत CTBT और NPT जैसी पक्षपातपूर्ण और अन्यायपूर्ण परमाणु संधियो का विरोध भी कर रहा है