आज हम जानेंगे की अफगानिस्तान संकट(1979-89) क्या है ? अफगानिस्तान संकट कब हुआ था? अफगानिस्तान संकट क्यो हुआ था?
अफगानिस्तान
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अफगानिस्तान संकट के बारे मे जानने मे जानने से पहले हमारा अफगानिस्तान के बारे मे जानना बहुत जरूरी है ।
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यह चारो तरफ से भूमि से घिरा हुआ देश है ।
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इसके मुख्य भू – भाग में हिन्दूकुश पहाड़िया और दक्षिणी हिस्से में रेगिस्तान है ।
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यहां कम उपजाऊ भूमि है ।
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यहां की जनसंख्या का 42% हिस्सा पश्तून , 27% हिस्सा ताजिक और कुछ हिस्सा उज्बेक , हज़ारा आदि है ।
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अफगानिस्तान के संस्थापक – अहमद शाह अब्दाली
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अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच की सीमा – रेखा (हिन्दूकुश में स्थापित) को डुरंड रेखा कहते है ।
अफगानिस्तान संकट – सोवियत आक्रमण (1979 – 89)
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सन 1978 में अफगानिस्तान की दाऊद खान की सरकार को वहां की कम्युनिस्ट पार्टी (PDPA – PEOPLE DEMOCRATIC PARTY OF AFGANISTAN ) द्वारा गिरा दिया जाता है।
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PDPA पार्टी ने अफगानिस्तान में भूमि सुधार शुरू किया जिसके तहत भूमि की एक अधिकतम सीमा को निर्धारित किया गया और निर्धारित सीमा से अधिक भूमि जिस भी व्यक्ति के पास थी उससे भूमि लेकर उस व्यक्ति को भूमि दी गयी जिसके पास कम भूमि थी ।
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भूमि सुधार के इस फैसले का वहां पर विरोध किया गया। लोगो ने सरकार के खिलाफ जिहाद शुरू कर किया ।
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इसके बाद से ही अफगानिस्तान संकट की शुरुआत होती है ।
अफगानिस्तान संकट – आक्रमण
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जब ये विरोध बहुत ज्यादा बढ़ गया तब अफगानिस्तान की कम्युनिस्ट पार्टी ने सोवियत संघ (उस वक्त यहां पर भी कम्युनिस्ट पार्टी का शासन था) से मदद मांगी ।
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सोवियत संघ ने 24 दिसंबर 1979 में अफगानिस्तान में अपनी सेना को भेजा ।
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तालिबान ने अलकायदा ( आतंकवादी संगठन ) जिसके प्रमुख ओसामा बिन लादेन थे उसको समर्थन दे दिया ।
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1998 में केन्या और तंजानिया में अमेरिकी दूतावास पर हमले हुए । इन हमलों के लिए अमेरिका ने अलकायदा को जिम्मेदार माना और अलकायदा के खिलाफ अमेरिका ने ऑपरेशन इनफाइनाइट रीच शुरू कर दिया ।
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जिसमें अफगानिस्तान पर मिसाइलों से हमले किए गए थे ।
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9/11 हमले के बाद अमेरिकी सेना ने जब अल कायदा और तालिबान के खिलाफ कार्रवाई के लिए Operation Enduring Freedom चलाया तो उसके परिणामस्वरूप दिसंबर 2001 में अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार गिर गयी ।
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और अफगानिस्तान संकट 1979-89 की समाप्ति हो गयी ।
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